उ0प्र0 राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लि0
प्रारंभिक श्रम सहकारी समितियों की शीर्ष संस्था के रूप में उ०प्र० श्रम संविदा सहकारी संघ लि0, लखनऊ का निबन्धन वर्ष 1972 में हुआ था |
1. मुख्य उद्देश्य सहकारी, सरकारी एवं विभिन्न उपक्रमों के निर्माण से सम्बन्धित कार्य प्राप्त करके सदस्य श्रम समितियों के माध्यम से कराना था, वर्तमान में 335 सहकारी समितियां सदस्य है।
2. वर्ष 1980 में श्रम संविदा सहकारी संघ लि0, लखनऊ का नाम परिवर्तित कर उ0प्र0 श्रम एवं निर्माण सहकारी संघ लि0, लखनऊ रखा गया। उपविधि में आवश्यक संशोधन कर वर्ष 2014 में संघ के नाम को परिवर्तित कर “उ०प्र० राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लि0” (UPCLDF) रखा गया। वर्तमान में कुल 10 निर्माण प्रखंड स्थापित है |
3. शासनादेश संख्या-19/2018/बी-2-1143/दस-2018, दिनांक 17.12.2018 द्वारा पुनः अनन्तिम रूप से ‘राजकीय निर्माण एजेन्सी’ घोषित किया गया है मानकीकृत कार्यो हेतु लागत सीमा 5.00 करोड़ एवं गैर मानकीकृत कार्यों हेतु 2.50 करोड़ की लागत सीमा निर्धारित की गयी |
उद्देश्य
- सम्बद्ध श्रम संविदा समितियों द्वारा लिए गए ठेको को पूरा कराने में सहायता प्रदान करना, सदस्य श्रम समितियों के लिए उपर्युक्त तथा लाभप्रद व्यवसाय का प्रबन्ध का उन्हें उपलब्ध कराना है।
- सम्बद्ध श्रम संविदा समिति के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपकरण ,संयंत्र, मशीन, औजार आदि आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराना है।सम्बद्ध श्रम संविदा समितियों के सदस्यों एवं कर्मचारियों को उनसे सम्बद्ध समितियों के धन्धो में प्रशिक्षित करके उनकी कार्य कुशलता तथा दक्षता बढ़ाना।
- अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने व व्यवसाय को यथोचित ढंग से संचालित करने हेतु सदस्य श्रम संविदा समितियों या अन्य सहकारी संस्थाओ में अंशधन प्राप्त करना ।
- श्रम संविदा समितियों के आवश्यकता के अनुसार निर्माण कार्यो के आदर्श ड्राइंग, डिजाइन, प्राकलन आदि तैयार कराकर उन्हें उपलब्ध कराना।
- ऐसे अन्य उपाय करना जो उपर्युक्त उद्देश्यो की पूर्ति में सहायक तथा अनुषांगिक हो।
- सरकारी एवं सहकारी संस्थाओ, सार्वजनिक संस्थाओ से किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य या मरम्मत के लिए उपकरण, संयंत्र या श्रमिक आदि की पूर्ति करने के लिए संविदा लेकर उसे स्वयं या सदस्यों के माध्यम से कार्यान्वित करना।